तुम फिर से मुस्कुरा दो ना।
मेरी मुस्कुराहट तो तुम से है,
ये पलकों का पर्दा उठा दो ना।।
अधूरा सा नहीं लगता क्या,
सबके साथ ख़ुश हो लेते हो।
बिना मेरे कैसे रहते हो,
बस ये राज़ बता दो ना।।
मेरा तो एक पल मुश्किल है,
बिना तुम्हारे जी पाना।
तुम कब इन धड़कनों में नहीं थे,
वो तारीख़ बता दो ना।।
दो पल जो ठहर जाते ,
तो चैन पड़ जाता।
ठीक से देखा नहीं ये कमी,
रात भर सताएगी।।
मेरी दुनिया तुम तक है,
तुम से आगे कुछ नहीं।
हर लम्हा , हर घड़ी ,
याद तुम्हारी आएगी।।
बहुत अकेलापन लगता है,
आँख लगने के बाद।
मेरे ख्वाबों में आयेगा,
तस्व्वुर के चिराग़ बुझने से पहले।
कोई ख़रीदे तो ख़रीद ले,
रौनकें बाज़ार की।
तुम साथ हो , मुक़म्मल हूँ मैं।
मेरी हर खुशी तुम से है,
ज़िंदगी तुमसे है।
तुम साथ हो मुक़म्मल हूँ मैं।।
तुम हो तो सबकुछ है,
तुम नहीं तो कुछ नहीं।।।
कुछ भी नहीं।।।
कुछ भी नहीं।।।।