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इंतज़ार सज़ा हो जाता है,
इश्क़ ख़ता हो जाता है।
जब हद से गुज़र जाता है,
मेरा दर्द दवा हो जाता है।।
कभी-कभी दोस्ती में,
मोहब्बत इतनी बढ़ जाती है।
दोस्त दोस्त कहते-कहते,
दोस्त ख़ुदा हो जाता है।।
लफ्ज़ तेरे होंठो तक,
आते नही ज़्यादातर।
शुक्र है तेरी आँखों से,
तेरा हाल बयां हो जाता है।।तेरी संगत ऐसी है,
जैसे फ़िज़ाओं में मेहक।
तेरे सामने आते ही,
तन्हापन धुँआ हो जाता है।।
हर वादा जुवां से हो
ये तो कोई ज़रूरी नही।
दिल से दिल गर हो मिला हुआ,
हर अल्फ़ाज़ वफ़ा हो जाता है।।
बरसों से तू साथ है
कोई पहली बार तो मिले नहीं।
फिर तुझपे क्यों मेरा दिल,
हर बार फिदा हो जाता है।।।
Youtube_Link
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इंतज़ार सज़ा हो जाता है,
इश्क़ ख़ता हो जाता है।
जब हद से गुज़र जाता है,
मेरा दर्द दवा हो जाता है।।
कभी-कभी दोस्ती में,
मोहब्बत इतनी बढ़ जाती है।
दोस्त दोस्त कहते-कहते,
दोस्त ख़ुदा हो जाता है।।
लफ्ज़ तेरे होंठो तक,
आते नही ज़्यादातर।
शुक्र है तेरी आँखों से,
तेरा हाल बयां हो जाता है।।तेरी संगत ऐसी है,
जैसे फ़िज़ाओं में मेहक।
तेरे सामने आते ही,
तन्हापन धुँआ हो जाता है।।
हर वादा जुवां से हो
ये तो कोई ज़रूरी नही।
दिल से दिल गर हो मिला हुआ,
हर अल्फ़ाज़ वफ़ा हो जाता है।।
बरसों से तू साथ है
कोई पहली बार तो मिले नहीं।
फिर तुझपे क्यों मेरा दिल,
हर बार फिदा हो जाता है।।।
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