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ख़ामोश हूँ तुझे मेरे यार देख कर,
की धड़कन बढ़ सी जाती है तुझे हर बार देख कर।
सबब मेरी बेचैनी का तुझे कैसे बताऊँ मैं,
कुछ भी अच्छा नही लगता तुझे बीमार देख कर।
ख़बर है की तू महफूज़ है मेरी मोहब्बत के दायरे में,
चुपचाप चले जाएंगे ग़मखार देख कर।।
तूने कहा तू ठीक है तो क्यूं छलक उठी पलकें,
मैं खुद को कैसे संभालूं तेरे आसार देखकर।।
गिरा हुआ मेरी पलकों का झरोखा तब से,
कुछ और क्या देखूं तुझे मेरे यार देख कर।।
चाँद भी झुलस रहा है,इश्क़ का बुखार देख कर,
सितारे पिघल रहे मोहब्बत बेशूमार देख कर।
मैं लम्हात समेट कर अपनी मोहब्बत के बैठी हूँ,
के लोग जल न जाएं मेरे चेहरे का ख़ुमार देख कर।
छुपा लेते हैं अश्क़ों को, हम अपनी मुस्कुराहट में अक़्सर,
की तू बेक़रार न हो जाये मुझको बेक़रार देखकर।।
YOUTUBE
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ख़ामोश हूँ तुझे मेरे यार देख कर,
की धड़कन बढ़ सी जाती है तुझे हर बार देख कर।
सबब मेरी बेचैनी का तुझे कैसे बताऊँ मैं,
कुछ भी अच्छा नही लगता तुझे बीमार देख कर।
ख़बर है की तू महफूज़ है मेरी मोहब्बत के दायरे में,
चुपचाप चले जाएंगे ग़मखार देख कर।।
तूने कहा तू ठीक है तो क्यूं छलक उठी पलकें,
मैं खुद को कैसे संभालूं तेरे आसार देखकर।।
गिरा हुआ मेरी पलकों का झरोखा तब से,
कुछ और क्या देखूं तुझे मेरे यार देख कर।।
चाँद भी झुलस रहा है,इश्क़ का बुखार देख कर,
सितारे पिघल रहे मोहब्बत बेशूमार देख कर।
मैं लम्हात समेट कर अपनी मोहब्बत के बैठी हूँ,
के लोग जल न जाएं मेरे चेहरे का ख़ुमार देख कर।
छुपा लेते हैं अश्क़ों को, हम अपनी मुस्कुराहट में अक़्सर,
की तू बेक़रार न हो जाये मुझको बेक़रार देखकर।।
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