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आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में।
रंग बिरंगी तितली पकड़ें,
फिर से भींगे सावन में।।
कश्ती कागज़ कि फिर से बना लें,
थाम के डोरी पतंग उड़ा लें।
दौड़ें कटती पतंग के पीछे,
थाम लें उसको दामन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में.........।
नीम के पेड़ पे डालें झूला,
फिर से चुरायें ग़ुलाब की कली।
लूका-छुपी के खेल सँजोए
झूला झूलें आँगन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में.........।
नानी की सुने कहानियां,
नाना से पैसे मांग लें।
शादी कराएँ गुड़ियों की,
मन हो न किसी भी उलझन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में..........।
करें शिकायत सबकी माँ से,
खुश हों थपकी लगवा के।।
दिल मे कोई मैल नहीं,
मज़ा है लेकिन अनबन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में..........।
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आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में।
रंग बिरंगी तितली पकड़ें,
फिर से भींगे सावन में।।
कश्ती कागज़ कि फिर से बना लें,
थाम के डोरी पतंग उड़ा लें।
दौड़ें कटती पतंग के पीछे,
थाम लें उसको दामन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में.........।
नीम के पेड़ पे डालें झूला,
फिर से चुरायें ग़ुलाब की कली।
लूका-छुपी के खेल सँजोए
झूला झूलें आँगन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में.........।
नानी की सुने कहानियां,
नाना से पैसे मांग लें।
शादी कराएँ गुड़ियों की,
मन हो न किसी भी उलझन में।।
आओ फिर से लौट चलें,
उस खूबसूरत बचपन में..........।
करें शिकायत सबकी माँ से,
खुश हों थपकी लगवा के।।
दिल मे कोई मैल नहीं,
मज़ा है लेकिन अनबन में।।
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उस खूबसूरत बचपन में..........।
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