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एक मुद्दत हुई मुस्कुराई नही मैं,
उनको देखे हुए कई दिन गुज़र गए।
नींद भी नही आई ....
दिल को क़रार भी नही आया,
चैन से सोए हुए कई दिन गुज़र गए।।
बिछा रखी है नज़रें दहलीज़ पर
तेरे इंतज़ार में,
पलकों को झपकाए कई दिन गुज़र गए।
ऐसा न हो जाए के सब्र टूट जाए
और बिखर जाऊँ मैं,
अब तो आ जाओ कई दिन गुज़र गए।।
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एक मुद्दत हुई मुस्कुराई नही मैं,
उनको देखे हुए कई दिन गुज़र गए।
नींद भी नही आई ....
दिल को क़रार भी नही आया,
चैन से सोए हुए कई दिन गुज़र गए।।
बिछा रखी है नज़रें दहलीज़ पर
तेरे इंतज़ार में,
पलकों को झपकाए कई दिन गुज़र गए।
ऐसा न हो जाए के सब्र टूट जाए
और बिखर जाऊँ मैं,
अब तो आ जाओ कई दिन गुज़र गए।।
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