14. मैं मोहताज़ नहीं....!

===============================================
===============================================

 मेरे हौसले मोहताज़ नहीं किसी के,
अब मुझे खुद ही उड़ना है।
क्यूँ डरु मैं आँधियों के आने से,
हवाओं का रुख मोड़ के आगे बढ़ना है।


सितारे हों मेरे गर्दिश में,
या हज़ार आँधियाँ आये।
जुटा कर अपनी हिम्मतों को,
एक-एक सीढ़ी चढ़ना है।।



नही कोसना तक़दीर को,
अब तक़दीर खुद बनानी है।
उजाले खुद में समेट कर,
अब अंधेरों से लड़ना है।।


वो दहलीज़ लांघ जाना है,
जहां मेरे दर्द बिकते हैं।
बिछाने दो उन्हें कांटे,
नही अब पीछे मुड़ना है।।


मेरी हिम्मत मेरी ताक़त,
जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होगी।
मुझे अपनी ही पेशानी के,
पसीने से संवरना है।।



कभी कमज़ोर नही थे हम,
ये उनकी ग़लतफ़हमी थी।
दिखाना है ज़माने को,
कुछ ऐसा कर गुज़रना है।।



===============================================
  <= PREVIOUS                                                       NEXT=>

=============================================== 

                                        YOUTUBE

No comments:

Post a Comment

Featured Post

95. Dil me jo aaye kah dijiye

Dil me jo aaye kah diya kijiye Rasme ulfat ada kiya kijiye... Kya kar rahe hai..  kahan hain kaise hain.. Itna to humko bata diya kijiye.. ...

Popular Posts